
ज्वालामुखी एक प्राकृतिक आपदा है। पृथ्वी के भीतर मौजूद चट्टान जब पिघल कर धरती के ऊपरी सतह पर आ जाती है तब यह ज्वालामुखी का रूप ले लेती है। इंसानों के लिए ज्वालामुखी घातक होता है, मगर इन ज्वालामुखी के वजह से अलग-अलग प्रकार के पत्थर हमें मिल पाते हैं साथ ही पर्यावरण में भी बदलाव होता है।
ज्वालामुखी मैग्मा से बनता है। जो पृथ्वी के गर्म आवरण की वजह से चट्टानों के पिघलने पर जन्म लेता है। आज इस लेख में हम ज्वालामुखी क्या है इसके प्रकार और ज्वालामुखी कहां होता है इससे जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी प्राप्त करेंगे। अगर आप ज्वालामुखी कैसे फटता है और इससे जुड़ी अन्य सभी प्रकार के सवालों का जवाब प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे लेख के साथ अंत तक बने रहें।
ज्वालामुखी क्या है? | Jwalamukhi Kya Hai
हमारी धरती सूर्य के टुकड़े से बनी है, वर्तमान समय में धरती काफी ठंडी हो चुकी है मगर धरती का भीतरी आवरण अभी भी गर्म है। धरती के भीतर का तापमान 1000 डिग्री से 3000 डिग्री सेल्सियस तक गर्म होता है। इतना गर्म होने के कारण धरती के नीचे चट्टान पिघलने लगता है। जिस गर्मी से वह पिघलता है और एक तरल रूप ले लेता है उसे मग्मा कहा जाता है।
धरती के ऊपरी सतह पर काफी छिद्र और गड्ढे होते है, उन्हें क्षेत्र में से यह मैग्मा बाहर निकलने लगता है। इसके अलावा जहरीली गैस और गम पिघले हुए चट्टान का एक तरल रूप बाहर आता है जिसे लव कहा जाता है। जब लावा का आगमन तीव्र हो जाता है और वह जोर से बाहर की तरफ फटता है तो इसे ज्वालामुखी कहा जाता है।
सरल शब्दों में ज्वालामुखी एक ऐसी प्राकृतिक आपदा है जो धरती के नीचे चट्टानों के पिघलने के बाद आग के एक तरल रूप में धरती के बाहरी सतह पर आ जाती है।
ज्वालामुखी को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
ज्वालामुखी को अंग्रेजी में Volcano कहा जाता है। इसमें Magma और Lava इसके दो अंग होते है।
ज्वालामुखी का अंग्रेजी नाम ग्रीक समुदाय के अग्नि देवता Volcan के नाम से लिया गया है। ज्वालामुखी के फटने पर इराक गैस और लावा बाहर आता है। इसके अलावा बहुत सारे अन्य कचरो का देर हो जाता है जो जमा होकर एक पर्वत का रूप ले लेता है, इसे ज्वालामुखी पर्वत कहा जाता है।
ज्वालामुखी के अंश – Lava और Magma में अंतर
ज्वालामुखी के मुख्य रूप से दो अंश होते हैं जिसे लव और मैग्मा कहा जाता है। दोनों एक ही जैसे होते हैं मगर दोनों की उपस्थिति और व्यवहार की वजह से नाम में परिवर्तन किया गया है।
Magma – मैग्मा धरती के नीचे होता है। जब चट्टान पिघलती है और तरल रूप में धरती के अंदर आती है तो इसे मैग्मा कहा जाता है। यह पूरी तरह से एक पत्थर का पिघला हुआ रूप होता है।
Lava – जब गर्म मामा धरती से बाहर आता है तो गैस, राख, कचड़ा, और हवा की वजह से थोड़ा ठंडा और भारी हो जाता है, इस वजह से इसे लावा कहा जाता है। लावा धरती के बाहर होता है।
Also read: Meaning of Management
ज्वालामुखी के प्रकार:
ज्वालामुखी अलग-अलग प्रकार के होते हैं जिनके कुछ महत्वपूर्ण और मुख्य प्रकारों को नीचे सूचीबद्ध किया गया है –
आपको बता दें ज्वालामुखी का प्रकार है इस बात पर निर्धारित किया जाता है कि जहां से ज्वालामुखी फटा है वह हर जगह कैसा है।
सिंडर शंकु ज्वालामुखी
सिंडर शंकु एक गोलाकार या अंडाकार आकार का ज्वालामुखी होता है। जो एक छिद्र से निकलने वाले लावा के छोटे-छोटे टुकड़े से मिलकर बनता है। एक छिद्र से लव बाहर निकलता है और उसके छोटे-छोटे टुकड़े हवा में उड़ कर आसपास जमा हो जाते हैं और एक अंडाकार मुंह का निर्माण करते है। आम तौर पर सिंगर शंकु केवल एक बार फटता है और इस तरह का ज्वालामुखी ऊंचे पर्वत पर स्थित होता है।
संयुक्त ज्वालामुखी
संयुक्त ज्वालामुखी एक खड़े किनारे वाला ज्वालामुखी होता है। यह एक बड़े पर्वत के रूप का होता है। बहुत सारे लावा पर्वत से निकलते हैं और एक पर एक जमा होते चले जाते है। यह ज्वालामुखी पर्वत लावा की कई परसों से मिलकर बनता है।
इस तरह का ज्वालामुखी अधिक गहरा होता है। इसका लव बहुत ही चिपचिपा होता है जो लंबे समय तक ज्वालामुखी के खड़े मुख से बाहर निकलता रहता है। इस तरह के ज्वालामुखी से लावा निकलता है और फिर ठंडा हो जाता है और यह प्रक्रिया कई सालों तक चलती रहती है। यह ज्वालामुखी बीच-बीच में तेजी से फटता भी है।
शील्ड ज्वालमुखी
इस तरह का ज्वालामुखी एक बड़े से कटोरे या शील्ड की तरह दिखता है। इस ज्वालामुखी का मैग्मा बहुत ही पतला होता है इस वजह से इससे निकलने वाला लव लंबी दूरी तक जा सकता है। कम चिपचिपा और पतला होने के कारण यह अलावा फटता नहीं है इसमें से केवल लावा लंबी दूरी तक निकल कर जाता है। यह एक भयानक रूप नहीं लेता मगर धीरे-धीरे इसका लावा बहुत दूर तक फैल जाता है। आमतौर पर इस तरह का ज्वालामुखी किसी पर्वत पर नहीं होता है यह द्वीप के क्षेत्र में होता है।
गुंबद ज्वालमुखी
गोविंद ज्वालामुखी आमतौर पर खड़ी चट्टान या ऊंचे पर्वत के आस-पास फटता है। इसमें से निकालने वाला लावा बहुत गाढ़ा होता है इस वजह से यह ज्यादा दूरी तक नहीं जाता और पर्वत के चारों तरफ ऊंचा ऊंचा ढेर बन जाता है। यह बहुत ही धीमा विस्फोट करता है लेकिन लगातार विस्फोट करता है इस वजह से यह एक भयावह ज्वालामुखी होता है। संयुक्त ज्वालामुखी की तरह यह भी एक भयानक रूप ले सकता है। मगर इसका लावा ज्यादा दूर नहीं जाता है थोड़ी ही दूर तक जाकर लावा ठंडा होने लगता है।
गारामुखी ज्वालामुखी
गारामुखी वह ज्वालामुखी होता है जो फटता नहीं है बल्कि धरती के नीचे मौजूद लावा और गैस इकट्ठा होते हुए एक ऊंचा चट्टान बना देते हैं और उस चट्टान के मुख से गीली मिट्टी बाहर निकलती है। यह लंबे समय तक चलता रहता है इसमें से लव नहीं निकलता मगर गम गीली मिट्टी निकलती है। यह केवल एक ऊंचा चट्टान दिखता है और इसमें से खूब सारा मीथेन गैस निकलता है। आज तक पूरी दुनिया में 700 गारामुखी ज्वालामुखी खोजे गए है।
ज्वालामुखी कैसे फटता है?
हमारी धरती 17 टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है। पूरी दुनिया में कहीं यह टेक्टोनिक प्लेट एक दूसरे से दूर जाते हैं तो कहीं यह एक दूसरे से मिलते है। इस तरह पूरी धरती में टेक्टोनिक प्लेट की सीमाओं को खोजा गया है। विश्व में 15% ज्वालामुखी वहां मौजूद है जहां दो टेक्टोनिक प्लेट दूर जाती है और 85% ज्वालामुखी वहां मौजूद है जहां दो टेक्टोनिक प्लेट पास आती है या टकराती है।
जहां टेक्टोनिक प्लेट की सीमा होती है वहां ज्वालामुखी पर्वत होते है। उदाहरण के तौर पर प्रशांत महासागर के चारों ओर टेक्टोनिक प्लेट की सीमा है इस वजह से बहुत सारे ज्वालामुखी प्रशांत महासागर को घेरे हुए है, इस वजह से उसे Ring of Fire भी बोला जाता है।
जब दो टेक्टोनिक प्लेट आपस में मिलती है तो उनमें घर्षण होता है। घर्षण से चट्टान गर्म होकर पिघलने लगती है और मग्मा उत्पन्न होता है। लंबे समय तक मार्ग में जमा होता रहता है और धरती के ऊपर मौजूद छिद्र से बाहर आने लगता है जो लावा का रूप लेता है। इसी प्रक्रिया का भयावह रूप एक बड़े ज्वालामुखी के रूप में होता है जब लावा आग के टुकड़े, गैस और राख के साथ धरती के बाहर फटता है।
निष्कर्ष:
आज इस लेख में हमने आपको ज्वालामुखी क्या है के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है जिसे पढ़कर आप आसानी से समझ पाए हैं कि ज्वालामुखी क्या है कैसे फटता है और इसके कितने प्रकार होते है। अगर हमारे द्वारा सजा जानकारी आपको लाभदायक लगी है तो इसे अपने मित्रों के साथ भी साझा करें।